अल्मोड़ा की ऐतिहासिक जानकारी
अल्मोड़ा का ऐतिहासिक रहस्य
अल्मोड़ा की स्थापना की तिथि विवाद ग्रस्त है जो एटाकिन्सन ने लिखा कि भीष्मचन्द् ने खगमराकोट में राजधानी बसाई और वही 1560 ई. में उनका वध किया गया| तदन्तर 1563ई. मे उसका उत्तराधिकारी कल्याण चंद्र ने वही राजधानी निर्मित किया| परंतु अब कल्याणचंद्र (द्वि०) के भेटा - ताम पत्र (संवत् 1602) के मिलने से एटाकिन्सन द्वारा उल्लिखित भीष्मचंद्र की तिथि 1555-1560 ई. असत्य सिद्ध हो चुकी है भेटा तामपत्र मैं 1545 ई. मैं राजा कल्याण चंद्र द्वारा भूमि दान का उल्लेख है| इसका तात्पर्य यह हुआ कि भीष्मचंद्र 1545ई. से पूर्व मर चुका था| अतएव अल्मोड़ा स्थापना संबंधित गजेटियर मैं प्रद्रत तिथि असत्य है विधित होता है की अल्मोड़ा की स्थापना 1544-45 ई. के आसपास हुई थी|
चंद्रवंशीय अभिलेखों में इस नगर को आलमनगर, राजपुर, तथा, 'अल्मोड़ा' कहा गया है| वर्तमान ' अल्मोड़ा' नाम मूल नाम का बोलचाल वाला रूप है इस नगर के तीन प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है-: 1 नगर के पूर्व उतार पर 'खगमराकोटग्' , जिसे चंद्रो के पूर्वर्ती कातियुर राजाओं का दुर्ग बताया जाता है| 2-: नगर के मध्यय में 'मल्ला महल' ( पुराना दुर्ग), जिसे राजा बाजबहादुर चंद्र द्वाराााा निर्मित माना जाता है| वर्तमान में न्यायालय, कोषागार, आदि सरकारी भवन वहीं पर स्थित है| 3-: अल्मोड़ा छावनी के अंदर लालमडी का कीला ,(फोर्ट मोइरा )जो विशाल़ प्रस्तरखणडॊ से निर्मित एक भव्य दुर्ग हैैै। अल्मोड़ा छावनी की स्थापना दुर्ग केे चतुर्दिक सन 1870 मैं निर्माण कराया गया अल्मोड़ा काा मानचित्र अल्मोड़ा का मानचित्र अत्यंत महत्वपूर्ण है| इसमें वह स्थान भी अडिकत है।जहां सुदर्शनशाह का जन्म हुुुआ था।
अल्मोड़ा के चन्द्रवंशीय राजाओं ने साहित्य एवं ललित कलाओं को प्रोत्साहन दिया। महाकवि भूषण एवं मतिराम उनकी गुणग्राहकता से आकर्षित होकर कुछ काल यहाँ रहे ।नगर मे ' नन्दादेवी मन्दिर ' उन्ही के द्वारा निर्मित हुआ था।सन् 1743-44 मे रोहिलों ने नगर की लूट की सन् 1790 मे यह गोरखों द्वारा अधिकृत हुआ, और अन्त मे ,27 अप्रैल 1815 को गौरखा गवर्नर बम शाह द्वारा आत्मसमर्पण के पश्चात इस पर ब्रिटिश शासन स्थापित हो गया
अंग्रेजों ने इस कुमाऊं डिवीजन का मुख्यालय बना दिया
प्रथम शिक्षा केंद्र
अल्मोड़ा कुमाऊंनी संस्कृति का केंद्र है| यह शिक्षा केंद्र के रूप में भी प्रसिद्ध रहा है कुमाऊ का सर्वप्रथम इंटर कॉलेज रामजे कॉलेज वह स्कूल के नाम से 1871 ई. में यहां स्थापित हुआ| मिशन कॉलेज का भवन पुराने उद्योतचद्रेश्वर दुर्ग के स्थान पर बना।
अल्मोड़ा के प्र्मुख मन्दिर
अन्य जानकारी
जैसे कि आप जानते हैं|कि वस्तुतः नगर, मनुष्य का वह समुदाय होता है, जिसका रहन-सहन एवं क्रियाकलाप, ग्रामीण जीवन से भिन्न होता है नगर अपने प्रादेशिक क्षेत्र की विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं| प्रदेश के मैदानी भागों में स्थित नगर अधिक विकसित हैं| पर्वतीय क्षेत्र में, स्थानीय निवासियों की आवश्यकता निकटवर्ती छोटे बाजारों( नगरी सेवा केंद्र) से पूरा हो जाता है|
प्रदेश मे नगरीय संरचना का विकास - प्रशासनिक मुख्यालय औद्योगिक केंद्र,छावनी क्षेत्र,पर्यटन नगर,धार्मिक एवं तीर्थ स्थल व्यापारिक केंद्र व मंडियो के रूप में हुआ है।
भौगोलिक दृष्टि से - पर्वत श्रेणियों पर मसूरी चकराता नई टिहरी, चंबा, गोपेश्वर, पौड़ी, लैंसडौन, रानीखेत, नैनीताल, अल्मोड़ा, लोहाघाट, डीडीहाट नगर स्थित है|
देहरादून, पिथौरागढ़, बागेश्वर, तथा चंपावत घाटियों में है, जबकि श्रीनगर, उत्तरकाशी, चमोली नदी तटों पर तो विष्णु प्रयाग, नंदप्रयाग कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग एवं देवप्रयाग, संगम स्थल पर अवस्थित है|
कोटद्वार, हरिद्वार, विकास नगर, ऋषिकेश, एवं काठगोदाम -हल्द्वानी-पर्वतीय प्रवेश द्वार पर और रुड़की, जसपुर, काशीपुर, रुद्रपुर-मैदानी क्षेत्र में बसे नगर हैं|
Shi hai
जवाब देंहटाएंWha wha kya baat
जवाब देंहटाएंWaaaaa
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